हमारे शास्त्रों में मान्यता है जो भी व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं ऐसे लोगों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है अक्षय का अर्थ होता है की कभी भी किसी भी चीज़ का क्षय न होना । 26 अप्रैल 2020 को ग्यारह बज के 12 मिनट तक अक्षय तृतीय मनाया जा रहा है वैसे शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ होती है किन्तु रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग की अक्षय तृतीया बहुत अच्छी मानी जाती है इस दिन आप भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं और साथ ही अपने पितरों की शांति भी ,अक्षय तृतीया को जौ गुड़ मिश्री फिर चने की दाल अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आप चाहें तो अक्षय तृतीया के दिन गरीबों को अन्नदान करके अपने पितरों की शांति कर सकते हैं पूरा संसार इस समय कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और प्रत्येक व्यक्ति लॉकडाउन के कारण अपने घर में बंद हैं ऐसी स्थिति में अक्षय तृतीया के दिन दान करना महापुण्य होगा, अगर इस दिन आप दान करते हैं तो आपको उन्नति की प्राप्ति होगी।
अगर अक्षय तृतीया के दिन आप भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और शिव पार्वती की पूजा करेंगे तो आपके घर परिवार में धन दौलत मान सम्मान यश प्रतिष्ठा इन सब का आगमन निश्चित रूप से होगा।
अक्षय तृतीया की पूजन विधि
सर्वप्रथम प्रातः काल उठकर स्नान करें इसके पश्चात भगवान हरि को चन्दन युक्त जल से स्नान कराएं एवं इत्र समर्पित करें यदि संभव हो तो पंचामृत स्नान अवश्य कराएं दूध दही घी शहद चीनी ,अक्षय तृतीया के दिन आप शालिग्राम की पूजा के साथ रुद्राष्टाध्यायी के द्वितीय एवं पंचम अध्याय का पाठ करें ।
हमारे पुराणों की मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था
अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं इस दिन लोग बहुत ज़ोर शोर से सोने की ख़रीदारी करते हैं किन्तु इस वर्ष आप घर पर ही रह कर देश की सेवा करें ,