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Lord Ganesha

How to perform Ganesha chaturthi poojan at your Home ?

ओम गं गणपतये नम:
गणपति बप्पा मोरया

*भगवान गणेश को प्रसन्न करने से पूर्व आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें।
*भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्षकी चतुर्दशी और स्वाति नक्षत्र एवं सिंह लग्न के मध्यकाल में हुआ था। गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का त्योहार है जिसे भगवान गणेश के जन्म महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो गणेश चतुर्थी हिंदुओं का त्योहार है जो पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है किंतु महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश ,कर्नाटक ,गोवा ,तेलंगाना ,गुजरात और छत्तीसगढ़ में हिन्दू हो या मुस्लिम सभी लोग गणेश चतुर्थी को धूमधाम से मनाते हैं हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि कोई भी शुभ कार्य करना है तो सबसे पहले भगवान गणेश के पूजन से शुरू किया जाता है ।किसी भी पूजा को करने का विधि-विधान होता है यदि आप उसको नियमानुसार करते हैं तो उसका शुभ फल आपको अवश्य प्राप्त होगा।

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*एक बात अवश्य ध्यान रखें कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं होती जब तक उस पूजा में भगवान गणेश की पूजा से आरंभ ना हुआ हो और बिना संकल्प के भी पूरी नहीं होती हैं।यदि आप अपने घर में गणपति भगवान को स्थापित कर रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान दें कि संकल्प अवश्य लें अन्यथा व पूजा अधूरी रह जाती है।

*आइए जानते हैं गणेश पूजन की विधि- सर्वप्रथम जिस स्थान पर आप भगवान गणेश को स्थापित करेंगे ।उस जगह को अच्छी तरह से साफ़ कर लें और गंगा जल से शुद्ध करें ।
*गृह एवं पूजा स्थल को शुद्ध करने का मंत्र – ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतो5पि वा । यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

Vakratunda Maha-Kaaya Surya-Kotti Samaprabha
Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva-Kaaryeshu Sarvadaa ||

Meaning: “Oh god with a curved trunk, the large body whose aura is like a light of many suns, Please make my entire work obstacle-free, forever.”

*संकल्प- सर्वप्रथम अपने दाएँ हाथ में पुष्प ,अक्षत और गंगाजल लेकर संकल्प करें। हे गणपति महाराज मैं आपका पुत्र या पुत्री (अपना नाम लेकर और अगर हो सके तो गोत्र भी) ये संकल्प लेता हूँ कि आपको अपने घर इतने दिनों तक स्थापित करूँगा।अपनी श्रद्धा अनुसार आप भगवान गणेश को स्थापित कर सकते हैं जैसे तीन पाँच सात या 10दिन तक। यदि यह मंत्र उच्चारण नहीं जानते हैं ओम गणेशाय नमः का उच्चारण करते रहे।

*संकल्प के पश्चात भगवान गणेश का आवाहन करें ।आवाहन पूजा का एक मुख्य भाग हैं जब तक आप भगवान का आवाहन नहीं करेंगे तो पूजा किसकी करेंगे जिस प्रकार आप अपने घर में किसी मित्र को आने का निमंत्रण देते हैं तभी वो आता है ठीक उसी प्रकार जब तक आप भगवान का आवाहन नहीं करेंगे तो आपकी पूजा व्यर्थ हो जाएगी।

आवाहन मंत्र-
गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे |
निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ||
अगर मंत्र का उच्चारण नहीं कर सकते तो ओम गं गणपतये नम: का उच्चारण कर सकते हैं ।

उसके बाद एक चौकी के ऊपर लाल या केसरी कपड़े को बिछाकर उस पर चावल और उनके ऊपर गणपति महाराज को स्थापित करें-उसके साथ एक ताम्बे के कलश में स्वास्तिक का निशान बनाकर उसमें थोड़ा जल और गंगा जल डालें एवं आम के पत्तों के साथ पूजा का नारियल ताँबे के कलश पर रखें।

* गणेश चतुर्थी दिनांक- सोमवार – 2September,2019
*गणेश विसर्जन दिनांक – 12 सितंबर 2019 वीरवार
*पूजन सामग्री-
१.फूल माला आवश्यकता अनुसार-
२.चाँदी की थाली
३.पितल का तलाश या ताँबे का कलश
४.अक्षत (चावल)
५.लड्डू( भोग के लिए)
६.पाँच छोटी इलाइची
७.पाँच कमल गट्टे
८.लगभग दो मीटर लाल कपड़ा या केसरी
९. 100 ग्राम दही ,50 ग्राम चीनी, 50 ग्राम शहद ,50 ग्राम गाय कादेसी घी,100ग्राम दूध गाय का।

*भगवान गणेश के ये 12 नाम जो शत प्रतिशत आपके जीवन में आने वाली बाधाओं को समाप्त कर देंगे और आपके भाग्य को उदय कर देंगे ।ऐसी हमारे शास्त्रों में मान्यता है जो भी व्यक्ति निरंतर छह महीने तक दिन में तीन बार इस स्तोत्र का पाठ करता है उसकी संपूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

Know lord Ganesha’s powerful stotram-

  • Shri Sankat Nashak Ganpati Stotram –
  • Pranamya shirasa devam Gauri putram Vinayakam ।
  • Bhakthavasam smaretrityamayuh kama artha sidhaye ।।
  • Prathamam Vakratundam cha, Ekadantam dwitiyakam |
  • Tritiyam Krushna Pingaksham, Gajavaktram Chaturthakam ||
  • Lambodaram Panchamam cha, Sashtam Vikatamev cha |
  • Saptamam Vignarajam cha, Dhoomravarnam tathashtamam ||
  • Navamam Bhalchandram cha, Dashamam tu Vinayakam |
  • Ekadasham Ganapatim, Dwadasham tu Gajananam||
  • Dwadasaithani namani, Trisandhyam yah pathenara |
  • Na cha vighna bhayam tasya, Sarvsiddhi karam param ||
  • Vidhyarthi labhate Vidhyam, Danarthi labhate Dhanam|
  • Putrarthi labhate Putran, Moksharthi labhate Gateem ||

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